Shayari Sangrah | love shayari in Hindi
इशारों इशारों में हर बात होने लगी है चोरी चोरी छुप छुप के मुलाकात होने लगी है अब सभी ख्वाहिश से पूरी हो जाएंगी एक दूजे के करीब होने की बेहद बेकरारी बढ़ने लगी है
तुम मेरे ख्वाबों खयालों में हो हर वक्त मन के एहसासों में हो अब अकेले में गुजर संभव नहीं लगता है आजकल हर धड़कन मेरी सांसों में हो